हत्या के 3 आरोपियों को भेजा गया जेल,संस्थाओं के सहयोग से एक बंदी को मिली रिहाई

उज्जैन। स्वतंत्रता दिवस पर केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ से आजीवन कारावास में 14 सालों की सजा पूरी कर चुके 14 बंदियों को अच्छे आचरण के चलते रिहा किया गया। जिसमें एक महिला बंदी भी शामिल थी। जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि रिहा होने वाले बंदियों से जेल नियमों के मुताबिक जुर्माना राशि जमा कराई जाती है। उसके बाद ही उन्हे रिहा किया जाता है। 13 बंदियों के परिजनों ने जुर्माना राशि जमा कर दी थी। वहीं रिहा होने वालों में शामिल एक बंदी भज्जू पिता लक्ष्मण जुर्माना राशि जमा करने में असमर्थ रहा। जिसके चलते उसकी रिहाई पर संशय दिखाई देने लगा था, तभी आदित्य मानव विकास शोध संस्थान, मुस्कान मानव सेवा समिति, जज्बा फाउंडेशन और महिला विकास एवं सर्वधर्म कल्याण समिति आगे आई और उन्होने रिहाई की जुर्माना क्रमश: 10 और 5-5 हजार रूपये जमा कराई। वहीं शेष राशि बंदी के द्वारा जेल में किये गये पारिश्रमिक राशि से जमा कर उसे रिहाई दी गई। 15 अगस्त पर बंदियों की रिहाई से पहले स्वतंत्रता दिवस पर ध्वाजारोहण जेल अधीक्षक द्वारा कर सलामी ली गई। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले जेल
बड़नगर थाना क्षेत्र के उज्जैन मार्ग पर 8 अगस्त की शाम शराब पीकर गाली-गलौच कर रहे जीवनसिंह पिता निर्भयसिंह राजपूत, निवासी शक्कर मिल, निलेश पिता लालचंद माली निवासी महात्मा गांधी नगर जयपुर राजस्थान और सादेन उर्फ शाहनवाज पिता साहिद खान निवासी गुलाबपुरा बड़नगर ने पारदी डेरा में रहने वाले राजा पिता संकुसिंह पारदी 30 साल पर लकड़ी की बल्ली से हमला कर दिया था। 11 अगस्त को रतलाम मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान राजा की मौत हो गई थी। मर्ग डायरी मिलने पर बड़नगर पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। गुरूवार-शुक्रवार रात हत्या में शामिल निलेश और जीवन को राउंडअप कर लिया था। दोनों से पूछताछ के बाद शुक्रवार-शनिवार रात फरार साथी सादेन उर्फ शाहनवाज को भी हिरासत में ले लिया गया। उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बल्ली बरामद की गई। थाना प्रभारी अशोक कुमार पाटीदार ने बताया कि तीनों के पिता का निधन हो चुका है। सादेन पेंटर का काम और उसके दोनों साथी ड्रायवरी करते है। नशे की हालत में हत्या को अंजाम दिया था। तीनों को शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। हत्या के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिये एसआई हेमंत कटारे, प्रधान आरक्षक राहुलसिंह राठौर, हेमराज खरे, आरक्षक महेश मोर्य, नितेश रायकवार, नारायण सरा की टीम बनाई गई थी।

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